सुबह कब उठते हो ? सुबह उठकर क्या करना चाहिए

नमस्कार दोस्तो, में आपका दोस्त सूरज आपका "IND Exam Point" blog पे स्वागत करता हूं । आज हम जानेंगे की सुबह कब उठना चाइए और क्या - क्या करना चाइए । हालांकि हम जानते है कि बहुत से आइए स्टूडेंट्स है जो 7AM तक सोते ही रहते है वहीं कुछ लोग 4AM को ही उठ जाते है आज हम इसी विषय पर संपूर्णता पूर्वक आपको बताएंगे कि, सुबह उठकर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ।


सुबह उठने के महत्त्व को जानने के लिए एक बात को समझें।


सभी लोगों को कहानी सुनना या सिनेमा देखना पसन्द है। कितने लोग होंगे तो जो कहानी का सिर्फ आखिरी हिस्सा सुनना चाहते हैं, या बीच से और  कहानी बहुत अच्छी हो तो कौन चाहेगा कि कहानी की शुरुआत छोड़ दी जाये। 

अगर गौर से देखा जाये तो कोई नहीं चाहेगा की अच्छी कहानी जो फिर कभी सुनने का मौका न मिले शुरुआत छोड़ दी जाये उसकी। 

यह जो दिन मिला है आपको आज भरपूर जीने के लिए एक अच्छी कहानी की तरह है, आप समय पर पहुचें अथवा न पहुचें; कहानीकार कहानी सुनाता चला जायेगा। 


ऊपर के वोट से यही पता चलता है, कुछ मित्र कहानी को शुरुआत से सुन रहे हैं, कुछ बीच से और कुछ सिर्फ आखिरी हिस्सा।  

क्यों महत्वपूर्ण हो जाता है सुबह का उठना। सुबह ४ बजे के आस पास के समय को ब्रह्म काल अथवा ब्रह्म मुहूर्त कहा है हमारे ऋषियों ने।  ब्रह्मकाल अर्थात सृजन का समय, इसका किसी देवता या भगवान से सम्बन्ध नहीं है। उस वक़्त शरीर की ऊर्जा सबसे ज्यादा होती है जो धीरे धीरे सूर्य के उगने के साथ बढ़ती है और जब सूर्य ढलने लगे तो कम हो जाती है।  


अगर आज के मानक समय के अनुसार कहा जाये तो सूर्य १२ बजे के बाद ढलने लगता है, तो हमारे मित्र "8:30" के बाद उठते हैं, कितना महत्वपूर्ण समय गवाँ दिया। 


कुछ मित्र ऐसा कह सकते हैं, मैं 8:00 बजे उठता हूँ और बहुत ही ऊर्जा से भरा रहता हूँ। यकीनन आप होंगे, तो एक आप प्रयोग करें एक महीने 4:30 बजे उठ कर देख लें और फिर खुद से तय कर लें कौन सा दिन ज्यादा ऊर्जा से भरपूर रहा।  उसके बाद उठने का समय आप स्वयं तय कर पायेंगे। 

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सुबह उठने के कुछ ऐसे लाभ है जो उसी दिन तत्काल समझ पाएंगे। 

1. कार्य करने के लिए समय ज्यादा हो गया है आपके पास।

2. समयाभाव के बहाने नहीं है आज, सकारात्मक सोच आ जाती है। 

3. कुछ भी जल्दी जल्दी नहीं है आज, तो व्यवहार भी मधुर है। 

4. खाना चबा चबा के खाने का समय है, तो खाना भी ढंग से पचने वाला है। 

5. सबसे महत्वपूर्ण सुबह इतनी खूबसूरत होती है, इसका एहसास है आज। 


आदत ख़राब हो गयी है उठा कैसे जाये ?

1. दृढ़ निश्चय करें 

2.जब सुबह आँख खुली - मन बार बार कहेगा, आज सो लो कल से पक्का तो मन के बात में बिलकुल भी न आयें। 

3.आँख खोलते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखें। 

" कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

इस मन्त्र को पढ़ें। यह किसी धर्म विशेष के लिए नहीं है।  इस बारे में एक दूसरा आलेख लिखूंगा।  बिना मन्त्र पढ़े भी थोड़ी देर हथेली देख कर उठ सकते हैं; आँखों को लाभ मिलता है। 

4. जब सुबह उठते हैं, शरीर में तन्द्रा होती है।  इसलिए सबसे पहले एक गिलास पानी पीयें। 

5. बिस्तर से उतरने से पहले जमीन को स्पर्श करें। इससे कमर को लाभ मिलता है। 

6. अपना बिस्तर मोड़ दें अथवा चादर ठीक कर लें और निश्चय कर लें वापस नहीं सोने वाले  हैं। 

7. नित् क्रिया से निवृत होकर थोड़ा शारीरिक व्यायाम कर लें या टहलने चले जायें। 


ध्यान रहे: 
"आपका स्वास्थ्य ही वास्तविक धन है आपका।"


हर दिन को भरपूर जीयें और अपने आचरण व्यवहार ऐसे बना के रखें, जिससे दूसरे भी अपनी ज़िंदगी ढंग से जी सकें।  और जब आप कल उठें तो आपको एक बेहतर सुबह प्राप्त हो। 

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