यह कहानी है एक लडके की जो अभी नया नया डॉक्टर बना था सामान्य लड़का था। बहुत ईमानदार ओर शरीफ था।
उसके घर पर बस उसकी एकलौती मा थी। जिससे वह बहुत प्यार करते था।😊🙏
उसकी जॉब एंबुलेंस के डॉक्टर के तौर पर लगी थी तो ज्यादातर उसको एंबुलेंस में जाना पड़ता था।
मतलब किसी का एक्सीडेंट हुआ तो उनको एंबुलेंस में लेने जाना पड़ता है तब तब उनकी ट्रीटमेंट इसको करनी पड़ती थी।🚑🚑🚑
अब एक बार ऐसा होता है कि उसकी मां का एक्सीडेंट हो जाता है। और उसकी मां के फोन पर से उसके बेटे पर कॉल आया हे और कहता है कि आपकी मां का एक्सीडेंट हो गया है वह बहुत सीरियस हे, जल्दी से इस जगह पर आ जाइए तो वह तुरंत एंबुलेंस लेकर वहां से निकलता है,
क्यों की वह उसमें ही जॉब करता था और उसी में डॉक्टर वही लेकर निकल पड़े,
ओर उसकी मां का एक्सीडेंट उस नजदीकी एरिया में ही हुआ था।
तो वह निकल पड़ते हैं एंबुलेंस लेकर के।
जब वो रास्ते से जा रहे होता है तभी एक छोटी सी बच्ची का एक्सीडेंट हो जाता है, उसकी हालत भी बहुत सीरियस होती है
अब जो डॉक्टर था वह दुविधा में पड़ जाता है कि मां को बचाने जाए कि सामने जो अभी एक्सीडेंट हुआ है वह छोटी सी बच्ची को बचाएं।
वह मा से बहुत प्यार करता था और उसको खोना भी नहीं चाहता मां के बारे में सोचते सोचते उसके आंखों से आंसू आ गए।
फिर वह फ्रिज का सोचता है कि उसका फर्ज है कि अभी इस बच्ची को बैठा है बचाया जाए क्योंकि डॉक्टर का फर्ज यही होता है कि जो सामने है उस चीज की पहले ट्रीटमेंट की जाए।
वह इस 2 प्रश्नों में उलझ गया था।
कि उस बच्ची को बचाया जाए या उसकी मां को बचाने के लिए एंबुलेंस को आगे बढ़ाई जाए।।।।।
एक तरफ उसकी मां की ममता थी।
दूसरी तरफ सामने तड़पती एक छोटी सी बच्ची।
तो उस डॉक्टर को किस को बचाना है चाहिए।
क्या उसे मा को बचाना चाहिए कि फिर उसके सामने वह रही छोटी सी बच्ची को।
ऐसा सोचता रहता है
आखिर कार वह फ़र्ज़ के सामने जूक जाता है ओर उस बच्ची को एंबुलेंस में डालकर अस्पताल पहुंचाता है।
फिर वह उसकी मां के पास आता है तब तक उसकी मां मर चुकी होती है🥺🥺😔😔😔
अब आप बताइए कि उस लड़के ने जो डाक्टर था उसने सही किया या गलत😒😒😒
मेरे नजरिए से उसने सही किया
क्यों की अगर वह बच्ची में जाती ओर उसकी मा बच जाती तो जब वह बात पता चलती उसको मा को तो कितना शर्मिंदा हो जाती उसकी मा🥺🥺🥺😔😔
भले उसकी मा मर गई पर वह उसके बेटे के अच्छे काम के लिए उसको हमेशा दुआ दे रही होगी।😊
बस रिश्तों में कुछ ऐसा ही होता है। जिस रिश्ते से हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं उसको कभी कभी इग्नोर करके कुछ ऐसे रिश्ते हमें बचाने पड़ते हैं
जो उस वक्त जरूरत हो।
हां भले हम से कम प्यार करते हो या वह रिश्ता हमारे लिए कम मायने रखता
फिर भी कभी-कभी उसको अहमियत ज्यादा देनी पड़ती है।
उससे यह नहीं होता कि वह रिश्ता हमारे लिए कम हो जाता है वह रिश्ता हमारे लिए कहीं ज्यादा मायने रखता है।।
जैसे ऊपर की कहानी में बताया है मां का रिश्ता अनमोल होता है लेकिन कभी-कभी फर्ज के आगे झुक जाना पड़ता है या कोई ना कोई मजबूरी आ जाती है बीच में कि हमें उसे एक मेन रिश्ते को इग्नोर करके दूसरे छोटे रिश्ते को अहमियत देनी पड़ती है
Live Sports [IPL 2020] Free Watch
अगर आपकी लाइफ में कोई ऐसा इंसान है जो आपके लिए और आप उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
लेकिन कभी कुछ चीजों से नहीं है वह आपको अहमियत नही देता है।तो उसके कई कारण हो सकते हैं ऊपर जो स्टोरी में कहा गया है शायद वो ऐसी मजबूरी में फंसा हो। या कुछ और कारण हो सकता है
तो ऐसी कुछ बातों को इग्नोर करिए तो आपका रिश्ता हमेशा अधूरा रहेगा।
आइए एक नई सोच के साथ एक नया रिश्त जोड़ने है हमारे इस ब्लॉग से बस आप जुड़े रहे ।