इस ब्लॉग पोस्ट में जो भी जानकारी दी गई है उसे ऐसे ही मजा पाने के लिए ना पढ़ें जिस लेबल कि मेरी ऑब्जरवेशन है मैंने इस ब्लॉग में इस पोस्ट में आपको दी है वह पढ़ने के बाद आप कुछ और ही होंगे। क्या आप जानते हैं किसी भी बुक को पढ़ने के बाद क्या होता है या तो आपको सिर्फ मजा आता है या तो आप के ऊपर कुछ वाकई में फर्क पड़ता है उस बुक को पढ़ने के बाद आपके जिंदगी में बदलाव ही आते हैं तो चलिए इन सब बातों को एक तरफ रखते हुए आगे पोस्ट देखते हैं।
"या तो केवल ज्ञान ही ले लो,
या उसे लगाकर शुरुआत कर लो ।"
मेरी आप लोगों से एक छोटी सी रिक्वेस्ट है, अपना पूरा ध्यान लगाकर इस बुक को बीना बार-बार बीच में ब्रेक लिए पढ़ें इसे पढ़ने में आपको जो वक्त लगेगा वह आपके जिंदगी के सबसे अच्छे पलों में से एक होगा।
Chapter 1
समय का ज्ञान
क्या आपको पता है, आपके पास असल में कितना समय है? कितना समय आपको एक्स्ट्रा मिलता है जो आपको पता भी नहीं है।
जोश में आकर बहुत कुछ सोच लेते हैं मगर कर कुछ नहीं पाते,कभी आलस कारण बन जाता है, कभी डर, कभी बहुत सोचते रह जाना, कभी डालने की आदत यार इसे मैं करूंगा तो सही तरीके से ही करूंगा, इसे मैं करूंगा तो Perfectly ही करूंगा और वो perfect कभी आता ही नहीं और टलता जाता है। कभी ये भी issue होता है कि 365 दिन में पूरे दिन energy नहीं रहती और सबसे बड़ा कारण है हमने कभी 365 दिन में कितने घंटे होते हैं उसमें कभी एक 1 घंटे का हिसाब नहीं लगाया।
चलो आज अपनी body को mind को energy को कैलकुलेट करते हुए साथ में यह भी कैलकुलेट करते हैं कि आपकी लाइफ में आपको हर साल कितने घंटे ऐसे ही extra मिलते हैं
क्या आपको पता है आपके पास actual मैं कितना समय है?
जब आप अपने आप से यह सवाल करते हो, तब आपको पता चलता है कि आपका टाइम कहां कहां जा रहा है।
1 महीने में 720 घंटे होते हैं
अगर आप 24 घंटों में 8 घंटे होते तो, 8×30 यानी 240 घंटे केवल सोते हैं, अब आपके पास बचे 480 घंटे। (720-240) और अगर 1 सप्ताह में 40 घंटे काम करते हो तो, 40×4 यानी 160 घंटे महीने में कितने करते हो (जो 1 दिन के 5-6 घंटे हो रहे हैं) | 1 दिन के 2 घंटे खाना-पीना नहाना यह सब मिला खिले तो महीने के होते हैं 30×2=60 घंटे। अब आपके पास 260 घंटे बचते हैं।
तो प्रश्न यह है कि महीने के यह जो 260 घंटे बच रहे हैं वह कहां जा रहे हैं?
Goals set करोगे लेकिन साल के एंड तक वह पूरा हो नहीं पाएगा। इस बार भी आप अपने Goals set करोगे, कुछ आदतें छोड़ने की, कुछ आदतें सीखने की, कुछ कमाने की, खुशी की, कामयाबी की, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी साल के स्टार्ट होने के बाद में जनवरी भी निकल जाता है और सोचते हैं कि कोई बात नहीं अभी तो एक महीना ही निकला है मेरे पास तो एक 11 महीने है। ऐसे करते हुए फरवरी भी निकल जाता है फिर से खुद को मोटिवेट करते हुए कि मेरे पास तो अभी 10 महीने हैं और ऐसे करते हुए साल कब खत्म हो जाता है पता ही नहीं चलता। कोई Dream है तो केवल सोचा हुआ है कोई Idea है तो केवल सोचा हुआ है ऐसा क्यों?
इस दुनिया मै अच्छाई के पीछे कोई नहीं जाता
सब बुराई के पीछे ही जाते है ।🥺
सराब बेचने वाला कहीं नहीं जाता
दूध बेचने वाला सब जगह जाता है ।
क्योंकि पैसे नहीं है, सपोर्ट नहीं है, और सबसे बड़ी बात, समझ ही नहीं आ रहा है शुरुआत कहां से करें, शुरू के Step क्या ले? और ऐसे करते हुए साल के मई जून महीने तक पहुंच जाते हैं और आधा साल चला जाता है। फिर धीरे धीरे realise होता है और खुद से कहते हो ohh यार अभी तो 2020 शुरुआत हुआ था आधा साल खत्म भी हो गया?
फिर जल्दी बाजी करने की कोशिश करते हैं, जितनी हो सकते हैं उतने एक्शन लेने की कोशिश करते हैं, धीरे-धीरे Results मिलाने शुरू होते हैं, पर इतने धीरे Results मिलने शुरू होते हैं, पर इतनी धीरे Results मिलते हैं कि उससे demotivate होकर आगे कुछ करना ही नहीं चाहते हैं। हर साल की कहानी है।
Value of 26th extra power you have in a month || एक महीने में आपके पास 26 अतिरिक्त घंटे का मूल्य।
तो जो calculation कि उससे पता चलता है कि 260 घंटे 1 महीने के निकलते हैं जिसमें आप और कुछ नहीं करते तो आप उस पर बात करते हैं। अगर आप इन 260 घंटों में केवल audiobook सुनो तो आप 1 महीने में 45 audiobook सुन सकते हो अगर यह average लेकर चलें तो आपको एक audiobook सुनने में 6 घंटे लगेंगे और यह तो केवल एक महीने की ही बात कर रहा हूं, साल का होगा 260 घंटे×12 यानी 3120 घंटे।
आपको आपकी जिंदगी बदलने के लिए 3120 घंटे मिले हैं जिन घंटों में बहुत कम लोग Conscious है, बहुत कम लोगों को हिसाब है कि मेरा वक्त कहां जा रहा है।
"3120 hour audiobook सुनो तो 520 audiobook सुन सकते हैं अगर 6 घंटे में एक audiobook सुनो।"
तू ही यह तो मैंने फिर Example लिया है लेकिन obviously केवल audiobook से ही life change नहीं होती, Action भी लेने होते है । रीडिंग भी करोगी क्लास लोगे किसी चीज की, मोबाइल में कोई दूसरी चीजें भी ट्राई करने की कोशिश करोगे, पीसी सोशल साइट पर पैसे कमाने के तरीके भी ट्राई करते रहोगे बहुत तारीख को के टाइम को implement कर सकते हैं।
Chapter 2
तो अब यह बात करने के बाद की एक एवरेज इंसान की जिंदगी में इतना टाइम होता है जो कि उसे पता भी नहीं है कि वह अपना टाइम कहां दे रहा है, 3120 घंटे उसके पास है बहुत कुछ करने के लिए जिसमें हमने यह बात कि है कि इसी जगह अगर वह बुक रीडिंग करें तो वह ऑडियोबुक सुने तो उसकी लर्निंग हो और लर्निंग इसलिए जरूरी है क्योंकि इंसान की लाइफ इतनी भी बड़ी नहीं होती कि वह एक बार खुद की गलतियों से सीखे, अगर कम उम्र में बड़े धमाके करने है तो दूसरों की लाइफ से सीखना होता है।
हमने पिछले Chapter 1 में बहुत कुछ जान लिया है अब कुछ सवाल उठते हैं कि -
आपका यह Time जाता कहां है?
आपके पास Time नहीं है यह बहुत बड़ी समस्या है Right? और जब तक समस्या अच्छे से समझ नहीं आएगी हम उसे Solve नहीं कर सकते।
Honestly बताऊं तो बहुत ज्यादा लोगों को, event 95% लोगों को यह नहीं पता कि उनका time actual कहां जा रहा है। खुद के समय को व्यवस्थित करना और उसे ट्रैक करना कि कहां कहां जा रहा है यह ट्रैक करना कोई आसान काम नहीं है। एक-दो दिन तो life follow करते हैं, planning बनाते हैं फिर से सब कुछ छूट जाता है। हम इतने ज्यादा unconscious हैं अपने समय को लेकर यानी अगर मैं आपको बताऊं कि आपका ज्यादातर समय यहां जा रहा है तो आपको यकीन नहीं होगा जैसे कि एक रिसर्च कहती है कि ज्यादातर लोग on an average अपने मोबाइल को 100 बार दिन में check करता है और कई लोगों को इससे भी ज्यादा ही होगा, जबकि ज्यादातर लोगों से पूछा जाए कि वह अपने मोबाइल को कितनी बार चेक करते हैं तो वह केवल 30-40 बाहर ही बताएंगे।
यानी आधे से भी ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं है कि उनका ध्यान कहां है
"ध्यान पर ध्यान नहीं है, ध्यान कहां जा रहा है उस पर ही ध्यान नहीं है, जब आप ध्यान पर ध्यान देते हो तब आपका सब जगह ध्यान बन जाता है।"
यह कब पता चलेगा कि आप सचेत हो? कब पता चलेगा कि आप उत्पादक हो? कि आप चीजें तेजी से करते जा रहे हो? आप समय को एकदम सही तरीके से व्यवस्थित कर रहे हो या नहीं?
जब आपको यह याद हो कि आपका ध्यान कहां कहां जा रहा है आपका ध्यान कहां कहां था आपने कल क्या खाया था आपने कल कितना टाइम काम किया था और यह सब याद करने में आपको दिमाग पर जोर नहीं देना पड़ा क्योंकि यह आपकी हैबिट बन चुकी है तब यह मान लो कि आप Productive हो।
जब तक आप Productive नहीं रहेंगे, हर साल खत्म होता जाएगा और आप resolution बनाते रह जाओगे लेकिन कर कुछ नहीं पाओगे क्योंकि आपको यह भी पता होना चाहिए कि आपको अपने दिमाग को सचेत कैसे रखना है, अपने अंदर शक्ति कैसे व्यवस्थित रखनी है, अपनी शरीर को मजबूत कैसे बनाना है और अपने लक्ष्य को नजरों में कैसे रखना है तब जाकर नए साल के दिसंबर में सारे लक्ष्य प्राप्त कर सकते हो आप।
Addiction of Mobile Phone
तो मैंने जो सवाल किया था कि आपका Time कहां जा रहा है? जितनी भी ध्यान भटकाने वाली चीजें हैं आज के समय में उस में सबसे बड़ा चीज है मोबाइल, क्योंकि आज के वक्त में आपका जो भी जिंदगी का लक्ष्य उसे पाने में जिंदगी भी Distraction है से I'm sure mobile भी होगा। मोबाइल को लेकर मेरे को internet research आपको बता देता हूं कि सिर्फ मोबाइल की वजह से अगर यह आपके ऊपर ज्यादा हावी हो जाए तो किसी हद तक आपकी life में distraction बढ़ सकते हैं और किसी हद तक आपके career को भी impact कर सकती है। आपके हाथ में जो भी आपका mobile है, क्या आप उस mobile को control करते हो या वो मोबाइल आप को कंट्रोल कर रहा है?
जिस तरह से कुछ लोग पानी से डरते हैं उसे Aquaphobia कहते हैं, ऊंचाई से डरते हैं उसे Acrophobia कहते हैं, भीड़ से डरते हैं Agoraphobia कहते हैं, उसी तरह एक फोन है nomophobia ।
यह कैसा डर है जो आपको तब लगता है जब आपको मोबाइल आपके पास नहीं होता है मोबाइल की वजह से हमारी याद हम करने की शक्ति कमजोर होती जा रही है आज के वक्त में कोई भी नहीं चाहेगा कि वह 500 मोबाइल नंबर याद करें बहुत Obvious बात है कि वह उन number को याद करने के बजाय उन्हें Save करेगा, लेकिन इन तरीके से हमारी कुछ भी लिख कर save करने की ऐसी habit बनती जा रही है, कुछ भी Google से search करके निकालने की habit बनती जा रही है कि हमें कुछ भी याद रखना important नहीं लग रहा है जिससे memory weak होती जा रही है।
मैं अभी आपको कोई भी new number याद करने को कहता हूं तो आपके लिए या याद करना बहुत difficult होगा। याद कीजिए आपके लिए आज से 5-6 साल पहले या याद करना इतना मुश्किल नहीं था, आज के वक्त में पूरे दिन के schedule मैं याद करने वाली चीजें कम होती जा रही है हम मोबाइल में बातें लिखते हैं, रिमाइंडर लगाते हैं, अलार्म ऐड करते हैं, केलकुलेटर यूज करते हैं, almost हर digital company, mobile के through आपको इस तरह से बांधकर रख रही है कि आपको खुद को पता नहीं कि आप अपने मोबाइल की lock screen को किस वजह से open किया था फिर आपने उसमें कुछ और ही करने लग जाते हैं mobile से जुड़ा हुआ हर समान, mobile phone, internet, Application, SIM इन सब companies क्या यही target रहता है कि आप इनका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, और आपको पता भी नहीं चलता कि किस तरह से यह companies आपके दिमाग को अच्छे से समझ रही, आपके व्यवहार किस तरह से study करके हर सामान को ऐसा बना रही है जिससे आपकी eddiction, आप की लत और बढ़ जाए।
आपके mobile की application जैसे : Facebook, Instagram, YouTube, WhatsApp, photo filter apps, browser etc का use इतना बढ़ता जा रहा है कि लोगों को नींद ना आने की problem होती जा रही है, जिसे insomnia कहते हैं, यह एक तरह की बीमारी है।
Facebook, Instagram, YouTube, music यह सब आपके दिमाग में dopamine chemical release करते हैं, cigarette पीते वक्त भी Exactly यही होता है तब आपको इसकी लत लग जाती है, फिर उस काम को बार-बार करने की इच्छा होती है, बहुत सी research और बहुत से physichologi doctors का यह मानना है कि एक drug and alcohol, nicotine, gambling जितनी ही Addiction है।
मैं फिर से repeat करता हूं, जो मोबाइल आपके हाथ में है जिस मोबाइल पर आप यह पोस्ट पढ़ रहे हो अगर उसे ठीक से इस्तेमाल ना करें, अगर वह मोबाइल ही आप को कंट्रोल करने लग जाए, games, बेवजह की चैट करना, किसी भी वीडियो प्लेटफार्म पर यूजलेस कांटेक्ट देखना, WhatsApp story upload करना, बार-बार mobile को बेवजह ही चेक करना, यह इतनी dangerous habit है कि एक drug, alcohol, nicotine, gambling जितनी ही eddictive है।
क्या आप सच में अपने मोबाइल को जब चाहो तब लॉक करके रख सकते हो, क्या आपको सच में struggle करना पड़ रहा है अपने मोबाइल को सिर्फ कुछ घंटे के लिए अपने से दूर रखने में, क्या आप सोते वक्त अपने मोबाइल को किसी और रूम में रख कर सो सकते हो?
आपके दिमाग में बार-बार मोबाइल का विचार आएगा।
क्या आपकी बेचैनी बढ़ती जा रही है आपके मोबाइल को बार-बार चेक करने की जबकि आपको पता है कि आपको कोई भी मैसेज या नोटिफिकेशन नहीं आया है? Ask to yourself, अपने आप से पूछिए कि पूरे दिन में कितने percentage mobile का use करते हो जो आपके benefits के लिए हो, almost 90% से ज्यादा आप मोबाइल का इस्तेमाल आप की लत को पूरा करने के लिए कर रहे हो, बाकी के 10% हो सकता है आपका कोई काम है।
क्या हो अगर 90% productive तरीके से मोबाइल का इस्तेमाल करो और केवल 10% ही timepass करो, तू यही Addiction बुरे से अच्छी addiction मैं बदल जाएगी।
अब बात करते हैं family की, जब हम बाहर होते हैं restaurant में dinner के लिए। कोई भी वहां खाने को enjoy नहीं कर रहा है, एक दूसरे से कोई बात नहीं, हर इंसान व्यस्त है मोबाइल में किसी और से बात करने में, जो कि वह खुद किसी और के हाथ में है और उसके हाथ में टाइम को enjoy नहीं कर रहा है। इस मोबाइल की addiction से completely ignore कर रहे हो अपने दोस्त को, अपने परिवार सदस्य को, और जिनको आप ignore कर रहे हो वह खुद पूरे खाने के खत्म होने तक mobile मैं लगे हैं, so everybody is ignoring each other, and anybody each aware about it.
Chapter 3
Coming soon.............
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Note: इसके सभी चैप्टर हम आपको समय-समय पर अपडेट करते रहेंगे ।।